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Ka Jingshai
RKMSHILLONG
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Dear Hitakamananda,
Happy to receive the 2nd Issue of Ka Jingshai. Things are nicely presented. Get up etc. are excelent.
Thanks.
With love and best wishes,
 

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Yours affectionately, Swami Smaranananda - (President)
Posted on: 05 May 2024

I have gone through some articles like Certainly Uncertain, Lineage System in Khasi, Behisaab Zindagi One particularly important thing I would like to mention is that the selection of topics and illustration are excellent, and the liberty given to the writer to use the language of his or her choice is highly commendable. A very nice magazine, makes an interesting read regarding the culture, tradition, lifestyle etc. of the natives of the hilly region of our Incredible India.

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Ms Neelma Bhandarkar, Puna
Posted on: 04 April 2024

मेघालय की आधिकारिक भाषा ख़ासी के साथ राष्ट्रभाषा का सम्मिश्रण तथा अन्य भाषा अंग्रेजी को जोड़कर एक चुनौतीपूर्ण कार्य करने का जोखिम उठाना और उसे पत्रिका की आकृति  देना श्लाघनीय उद्देश्य है जैसे-जैसे मैंने ज्योति के पृष्ठ पलटे, लगा प्रकृ ति के सानिध्य में हर एक पल व्यतीत कर रही हूं ।विभिन्न लेखो के साथ अनेक कलाकृतियो ने सोच को ंविस्तार दिया। कौन सी पेंटिंग क्या कहना चाह रही ,है यह चितन की सीमाओ ं के पार ले जाता है। सीमा जी की पेंटिंग में एंजेल्स का होना स्त्री का एक स्त्रित्व को जन्म देना बताय गया है । चैतन्य से परिपूर्ण पेंटिंग है।

Lineage system – बहुत ही श्रम पूर्ण कार्य है सं पादक जी को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं।

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Smt. Tulika Shri, Vadodara
Posted on: 03 March 2024

आकर्षक आवरण पृष्ठ एवं सुन्दर सज्जा, के साथ साहित्य, दर्शन, मनोरंजन एवं कलादि का समायोजन है। अनुक्रमणिका में हिन्दी आलेखो की उपस्थिति का अभाव खलता है ।

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गीता लिम्बू ,वरिष्ठ लेखिका एवं कवियत्री, शिलांग
Posted on: 22 January 2024