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Poesy - कवितायन

जिन्दगी का तराना

Manju Gupta 'Lata' डॉ.मंजु गुप्ता ‘लता’   |   Spring 2025

आओ मना लें खुशियाँ, दो पल का है ठिकाना
ये जग है एक सराय, सबको पड़ेगा जाना

जो वक्त मिल गया है उसको सफल बनायें
रो-रो के सबके आगे उलझने बढ़ाये
ये खुशियाँ सफर है रहता है आना जाना

कोई तो कुछ कहेगा, सुनना तुम्हें पड़ेगा
बिंदास बन के जीना मुश्किल बहुत पड़ेगा
इस जाल में जो उलझे, मुश्किल है निकल पाना

हँसने से जिन्दगी की मुश्किल घड़ी कटी है
रोने से भला किसको कोई खुशी मिली है
जो मिल गया मुक्कदर, दिल से उसे लगाना

दोगे जो फूल सबको, तो फूल ही मिलेंगे
शब्दों के वाण फेंके, तो शूल ही चुभेंगे
जीवन है एक उपवन, खुशबू यहाँ बसाना

कुछ दिन का साथ है, ये कुछ पल की दोस्ती है
जो दे सको खुशी, तो बस वो ही जिन्दगी है
जो आज है, अभी है कल लौट कर आना

ये जग है एक सराय, एक दिन पड़ेगा जाना
 


author
Manju Gupta 'Lata' डॉ.मंजु गुप्ता ‘लता’